अंतिम संस्कार करने के बाद पिता को पता चला उनका बेटा पतरस तो जिंदा है

रांची से एक ऐसी खबर आयी है जिसे सुनकर आप दंग रह जायेंगे। दरअसल कोतवाली में रविवार सुबह ट्रक के नीचे आकर दो बच्चो की मौत हो गयी। जैसे ही पुलिस को इस घटना की खबर मिली तो पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। सबसे पहले पुलिस ने इस दोनों बच्चो के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए और इनके परिजनों को ढूंढ़ने लगी। ढूंढ़ने पर पुलिस को पता चला कि उन शवों में से एक शव रांची के चिरौंदी में रहने वाले आशीष बाखला के बेटे पतरस का है।

उसके बाद पतरस के माता पिता को रिम्स के मॉर्चरी में पहचान के लिए बुलाया गया । जब उन्होंने पहचान लिया कि ये शव उनके बेटे पतरस का ही है तो पोस्टमार्टम करने के बाद पतरस के शव को उसके माता पिता को सौंप दिया गया। पूरे परिवार वालो ने मिलकर पतरस के शव का जुमार पुल के समीप रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर दिया लेकिन जिस दिन वो अंतिम संस्कार करके आये उसके अगले दिन उसको पता चला कि उनके बेटे पतरस की मृत्यु नहीं हुयी है वो अभी भी जिन्दा है और जिस शव को वह पतरस का शव समझकर उसका अंतिम संस्कार करके आये वो उनके बेटे पतरस का नहीं बल्कि उनके साथ रहने वाले सुविल कुजूर का बेटा है।

इस बात की पुष्टि तब हुयी जब पुलिस को पता चला कि पतरस और सुविल के बड़े भाई सूरजदीप कुजूर को कोतवाली थाने ने 9 नवंबर को अपर बाजार इलाके से लावारिस हालत में सोए हुए पाकर चाइल्ड लाइन (कोकर बैंक कॉलोनी) को सौंपा था। चाइल्ड लाइन ने सीडब्ल्यूसी के सामने इन्हें प्रस्तुत किया। लेकिन यह नहीं बताया गया कि चिरौंदी के ही दो बच्चों को चाइल्ड लाइन भेजा गया है। अगर, पुलिस यह बता देती तो सुविल को आज यह गम नहीं रहता कि उन्होंने अपने बच्चे का अंतिम संस्कार नहीं किया। इसके बाद से दोनों बच्चे बालाश्रय में हैं।

जब इस बारे में पतरस के माता पिता से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि करण और पतरस हर वक्त साथ रहते थे। दाेनों साथ ही घर से जाते थे। जब करण की बॉडी की पहचान हो गई, तो दूसरी बॉडी का चेहरा पता नहीं चलने के कारण मान लिया गया कि यह पतरस है। पतरस के पिता का कहना है कि कपड़ा नहीं होने से पहचान नहीं पाए। दूसरी ओर, सुविल की मां सरस्वती कुजूर का कहना है कि वे भी रिम्स गई थीं, लेकिन मॉर्चरी के अंदर जाकर बॉडी नहीं देख पाई। वहीँ पतरस की माँ ने कहा हमने तो सोच लिया था कि हमारे बेटे पतरस की मृत्यु हो चुकी है लेकिन बाद में पता चला कि पुलिस ने उसको लावारिस हालत में सोता हुआ पाकर चाइल्डलाइन में भेज दिया है। यह घटना होने के बाद रांची में लावारिस सो रहे बचे को पुलिस ने एक आश्रय गृह को दे दिया है ताकी ऐसी घटना आगे न घटे|