PM E-Drive Yojana: भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का नया युग

PM E-Drive Yojana: भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का नया युग

भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में क्रांति लाने के उद्देश्य से PM ई-ड्राइव योजना (PM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement) की शुरुआत की है। इस योजना के तहत अगले दो वर्षों में ₹10,900 करोड़ का भारी निवेश किया जाएगा। यह पहल देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को अपनाने और उनके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

योजना के मुख्य उद्देश्य और विशेषताएँ

PM ई-ड्राइव योजना को EV अपनाने के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • विविध EV श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित: यह योजना दोपहिया, तिपहिया, एंबुलेंस, बसों और ट्रकों सहित विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को लक्षित करती है। इससे परिवहन क्षेत्र के सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।
  • सब्सिडी और प्रोत्साहन: ₹3,679 करोड़ की राशि उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान करने के लिए आवंटित की गई है। इसमें आधार आधारित ई-वाउचर शामिल हैं, जो सीधे खरीदार के मोबाइल नंबर पर भेजे जाते हैं। इन वाउचर्स का उपयोग डीलरशिप पर सब्सिडी का दावा करने के लिए किया जा सकता है।
  • EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास: योजना के तहत 22,100 फास्ट चार्जर चार पहिया वाहनों के लिए, 1,800 फास्ट चार्जर ई-बसों के लिए, और 48,400 फास्ट चार्जर दो और तीन पहिया वाहनों के लिए लगाए जाएंगे। यह कदम EV उपयोगकर्ताओं की रेंज एंग्जायटी को कम करेगा।
  • सार्वजनिक परिवहन में सुधार: राज्य परिवहन इकाइयों और सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों के लिए 14,028 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद हेतु ₹4,391 करोड़ आवंटित किए गए हैं। यह कदम सार्वजनिक परिवहन को पर्यावरण-अनुकूल बनाने में मदद करेगा।
  • इलेक्ट्रिक एंबुलेंस की शुरुआत: स्वास्थ्य सेवा में EVs को शामिल करने के उद्देश्य से ₹500 करोड़ की राशि इलेक्ट्रिक एंबुलेंस तैनात करने के लिए निर्धारित की गई है।

FAME योजना से PM ई-ड्राइव योजना कैसे अलग है?

PM ई-ड्राइव योजना और FAME I व II योजनाओं के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर हैं:

PM ई-ड्राइव योजना FAME योजना
मुख्य रूप से दोपहिया और व्यावसायिक तिपहिया वाहनों पर केंद्रित निजी चार पहिया वाहनों को भी सब्सिडी दी गई
बैटरी क्षमता पर कोई सीमा नहीं बैटरी क्षमता पर निर्भरता
सरल मूल्य सीमा आधारित कटऑफ जटिल बैटरी-संबंधित मानदंड

उदाहरणस्वरूप, केवल वे दोपहिया वाहन जिनकी कीमत ₹1.5 लाख से कम है, वे सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। इसी तरह, तिपहिया वाहनों की कीमत सीमा ₹2 लाख है। इसके अलावा, L5 श्रेणी (25 किमी/घंटा से अधिक गति वाले तिपहिया वाहन) के लिए यह सीमा ₹5 लाख तक है।

Future Possibility And Challenges 

यह योजना भारत में EV बाजार को पुनर्जीवित करने और उपभोक्ताओं तथा निर्माताओं का विश्वास बहाल करने का प्रयास करती है। हालांकि, कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं:

  1. सब्सिडी में कटौती: मार्च 2025 के बाद सब्सिडी आधी कर दी जाएगी। उदाहरणतः वर्तमान में दोपहिया वाहन खरीदारों को अधिकतम ₹10,000 की सब्सिडी मिल सकती है, लेकिन अगले वित्तीय वर्ष में यह घटकर ₹5,000 रह जाएगी।
  2. योग्यता मानदंडों का सख्ती से पालन: केवल पंजीकृत और उन्नत बैटरी वाले EVs ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसमें लिथियम आयन और सोडियम आयन जैसी उन्नत बैटरियों को प्राथमिकता दी गई है।
  3. निर्माण लागत और बिक्री गिरावट: कुछ प्रमुख निर्माताओं जैसे ओला इलेक्ट्रिक ने हाल ही में बिक्री में गिरावट दर्ज की है। वहीं बजाज ऑटो और टीवीएस जैसे ब्रांड्स ने EV पंजीकरण में वृद्धि देखी है।

charging infrastructure Ka Importance 

योजना का एक प्रमुख हिस्सा चार्जिंग स्टेशनों का विकास है। इसके तहत:

  • सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के लिए ₹2,000 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
  • कुल 22,000 DC फास्ट चार्जर स्थापित किए जाएंगे।

यह कदम न केवल EV उपयोगकर्ताओं की समस्याओं को हल करेगा बल्कि देश भर में EV अपनाने की दर भी बढ़ाएगा।

निष्कर्ष

PM ई-ड्राइव योजना भारत को पर्यावरण-अनुकूल परिवहन समाधानों की ओर ले जाने वाला एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल कार्बन उत्सर्जन कम करेगा बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में भी योगदान देगा। हालांकि, इस योजना की सफलता इसके कार्यान्वयन और उपभोक्ताओं द्वारा इसे अपनाने पर निर्भर करेगी।

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