हरियाणा के कई शहरों के अलावा दिल्ली-एनसीआर भी लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी गैस चैंबर बना रहा। हालांकि दोपहर बाद धुंध छंटने और शाम को तेज हवाओं से वायु प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली, फिर भी हरियाणा के आठ शहरों में हवा बेहद खतरनाक रही।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र को निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार दिल्ली में एयर प्यूरीफाइंग टॉवर लगाने का खाका तैयार करे। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से भी पूछा है कि उसकी ऑड-ईवन योजना से वायु प्रदूषण में कुछ कमी आई है या नहीं।
सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि दिल्ली बुरी तरह से कष्ट उठा रही है। आज (शुक्रवार को) भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 600 के आसपास था। आखिर लोग सांस कैसे लेंगे। ऑड-ईवन स्कीम वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने का तरीका नहीं है। इस योजना से वायु प्रदूषण में कुछ कमी आई है या नहीं, ये हमें बताया जाए।
‘वायु प्रदूषण में कारों का सिर्फ 3% योगदान’
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि प्रदूषण स्तर बढ़ाने में कारों का सिर्फ 3% योगदान है, जबकि सभी वाहनों को मिलाकर प्रदूषण स्तर में 28% की बढ़ोतरी होती है।
पराली जलाने के मामले घटे
आज स्कीम का आखिरी दिन
दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में शुक्रवार सुबह हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच गई। ज्यादातर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 700 के ऊपर दर्ज हुआ। इसे वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति है। दिल्ली में गुरुवार को एक्यूआई 472 था। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के स्कूलों में 14 और 15 नवंबर को छुट्टी घोषित की गई थी। प्रदूषण से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार ने 4 नवंबर को ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू किया था, आज इसका आखिरी दिन है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि 2 से 3 दिन में प्रदूषण के हालात में सुधार आएगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम ऑड-ईवन को 18 नवंबर तक बढ़ा सकते हैं। उधर, शहरी विकास के लिए बनी संसदीय समिति ने प्रदूषण पर चर्चा के लिए आवास मंत्रालय, डीडीए, एनडीएमसी, सीपीडब्ल्यूडी और दिल्ली के पार्षदों की बैठक बुलाई थी।
400 एक्यूआई में ऑक्सीजन कम हो जाती है
दिल्ली स्कूल हेल्थ स्कीम के डॉक्टर के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण वरिष्ठ नागरिकों को सबसे ज्यादा परेशानी होती हैं। जैसे जैसे एक्यूआई बढ़ता जाता है तो हवा में ऑक्सीजन की कमी होती है। इसकी वजह से इंफेक्शन, ब्रॉनकाइटिस की बीमारी बढ़ जाती है।इसलिए आप भी इस बात का ध्यान रखे की आपकी तरफ से कम से कम वायु प्रदूषण हो और हवा की क्वालिटी ख़राब न हो।
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